हाल ही में स्पेस में एक बड़ी घटना घटी, जब रूस का एक अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटलाइट RESURS-P1 टूटकर 100 से ज्यादा टुकड़ों में बिखर गया। इस धमाके के समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पास ही था, जिससे वहां मौजूद एस्ट्रोनॉट्स की जान पर खतरा मंडराने लगा। इस स्थिति से निपटने के लिए एस्ट्रोनॉट्स को अपने सेफ हाउस यानी स्पेसक्राफ्ट में छिपना पड़ा। आइए, इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
रूस का सैटलाइट RESURS-P1
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रूस के इस अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटलाइट RESURS-P1 को 2022 में डेड घोषित कर दिया गया था। इसका अर्थ है कि सैटलाइट के कई उपकरण फेल हो गए थे और यह अपनी कार्यक्षमता खो चुका था। हाल ही में बुधवार को यह सैटलाइट स्पेस में 100 से ज्यादा टुकड़ों में टूटकर बिखर गया। स्पेस में जब कोई सैटलाइट इस तरह टूटता है, तो इसके टुकड़ों की गति बहुत अधिक होती है और यह आसपास मौजूद अन्य सैटलाइट्स और स्पेस स्टेशनों के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
ISS के एस्ट्रोनॉट्स की सुरक्षा
इस धमाके के समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पास ही था, जिसमें एस्ट्रोनॉट्स भी मौजूद थे। स्पेस में बिखरे मलबे से बचने के लिए एस्ट्रोनॉट्स ने तुरंत अपने सेफ हाउस यानी स्पेसक्राफ्ट में शरण ली। इस स्पेसक्राफ्ट में वे लगभग एक घंटे तक रहे, जब तक कि मलबे का खतरा टल नहीं गया। यूएस स्पेस कमांड ने पुष्टि की कि इस घटना के बाद अन्य सैटलाइट्स को फिलहाल कोई खतरा नहीं है।
सैटलाइट के ब्लास्ट की वजह
रूस की स्पेस एजेंसी Roscosmos ने इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है, जिससे सैटलाइट के ब्लास्ट की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है। हालांकि, यूएस स्पेस ट्रैकिंग फर्म LeoLabs ने सैटलाइट के टुकड़े फैलने की जानकारी दी और यूएस स्पेस कमांड ने इसे कन्फर्म किया। इस घटना ने स्पेस में मलबे के बढ़ते खतरे को एक बार फिर से उजागर कर दिया है।
स्पेस में मलबे का खतरा
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ऑर्बिट में बड़े मलबे का पैदा होना एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। सैटलाइट्स की संख्या में तेजी से वृद्धि होने के कारण यह समस्या और बढ़ गई है। 2021 में, पश्चिमी देशों ने रूस की कड़ी आलोचना की थी जब उसने अपने एक सैटलाइट को धरती से एंटी-सैटलाइट मिसाइल के जरिए उड़ा दिया था। इससे ऑर्बिट में हजारों मलबे के टुकड़े फैल गए थे।
सैटलाइट्स का जीवन समाप्त होने पर प्रबंधन
जब सैटलाइट अपनी लाइफ पूरी कर लेते हैं, तो उन्हें ऑर्बिट में छोड़ दिया जाता है ताकि वे धीरे-धीरे पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश कर जलकर समाप्त हो जाएं। दूसरा विकल्प यह है कि इन्हें ऑर्बिट के ‘कब्रिस्तान’ में भेजा जाए, जो पृथ्वी से 36,000 किमी की दूरी पर है। इससे एक्टिव सैटलाइट्स से टकराने का खतरा बिल्कुल कम हो जाता है। रूस के RESURS-P1 सैटलाइट को 2021 में डेड घोषित किया गया था क्योंकि इसके कई उपकरण फेल हो गए थे।
अंतरिक्ष में बढ़ते खतरे
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स्पेस में मलबे का बढ़ना एक गंभीर समस्या है, जिसे तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। अंतरिक्ष में फैले मलबे से स्पेस स्टेशनों और सैटलाइट्स को गंभीर खतरा हो सकता है। ऐसे में अंतरिक्ष में बढ़ते मलबे को नियंत्रित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सख्त नियमों की जरूरत है। अंतरिक्ष में बढ़ती गतिविधियों के साथ-साथ इस प्रकार के खतरों से निपटने के लिए भी ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
रूस के RESURS-P1 सैटलाइट के टूटने और ISS के एस्ट्रोनॉट्स को सेफ हाउस में शरण लेने की यह घटना स्पेस में बढ़ते मलबे और इससे उत्पन्न खतरों को उजागर करती है। अंतरिक्ष में सुरक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग और सख्त नियमों की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके और अंतरिक्ष में मानव गतिविधियों को सुरक्षित रखा जा सके।