तमिलनाडु के कल्लाकुरिचि जिले में अवैध और जहरीली शराब पीने से 34 लोगों की मौत ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। यह घटना न केवल एक सामाजिक और स्वास्थ्य संकट को उजागर करती है बल्कि प्रशासनिक और कानूनी विफलताओं की भी पोल खोलती है। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। वहीं, शराब पीकर बीमार होने वालों के लिए 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया गया है।
घटना का विवरण
कल्लाकुरिचि जिले के कलेक्टर एम.एस. प्रशांत ने पुष्टि की कि यह घटना अवैध देशी शराब के सेवन के कारण हुई है, जिसमें घातक मेथनॉल मिला हुआ था। अवैध शराब बेचने वाले 49 वर्षीय के.कन्नुकुट्टी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके पास से लगभग 200 लीटर अवैध शराब जब्त की गई है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस घटना की समग्र विवेचना के लिए सीबी-सीआईडी जांच का आदेश दिया है और पूर्व जज जस्टिस बी. गोकुलदास को मामले की जांच कर तीन महीने में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
प्रशासनिक कार्रवाई
घटना के बाद कल्लाकुरिचि के जिलाधिकारी श्रवण कुमार जातावथ का तबादला कर दिया गया, जबकि पुलिस अधीक्षक समय सिंह मीणा को निलंबित कर दिया गया। नौ अन्य पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है, जिनमें मद्यनिषेध शाखा के पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार इस घटना को गंभीरता से ले रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
सरकार ने प्रभावित लोगों के इलाज के लिए तुरंत कदम उठाए हैं। 20 से अधिक लोगों को कल्लाकुरिचि मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई को विशेष उपचार के लिए पुडुचेरी जिपमर अस्पताल और सलेम सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया है। कल्लाकुरिचि अस्पताल में 12 एम्बुलेंस तैनात की गई हैं और स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को इस काम में लगाया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को सभी सहायता प्रदान करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों –ई वी वेलु और मा सुब्रमण्यम को कल्लाकुरिचि भेजा है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने विपक्षी दलों को भी सक्रिय कर दिया है। विपक्ष के नेता इडापड्डी के पलानीस्वामी ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब से द्रमुक सरकार सत्ता में आयी है तब से अवैध शराब से मौतें हो रही हैं। उन्होंने विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया था और कार्रवाई की मांग की थी। पलानीस्वामी ने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
राज्यपाल की चिंता
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने भी जनहानि पर दुख व्यक्त किया और “गंभीर चिंता” व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह घटना अवैध शराब के उत्पादन और खपत को रोकने में कमियों को दर्शाती है और इसे गंभीर चिंता का विषय बताया। राज्यपाल ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और अस्पतालों में भर्ती लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री का आश्वासन
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि अपराध में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और इसे रोकने में विफल रहने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधों को “मजबूती” से कुचला जाएगा और लोगों द्वारा जानकारी साझा करने पर “ऐसे अपराधों” में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया।
समाज के लिए संदेश
यह घटना एक कड़ी चेतावनी है कि समाज को अवैध और जहरीली शराब के खतरों से बचाने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। यह केवल कानून और प्रशासन का ही नहीं बल्कि पूरे समाज का दायित्व है कि वह ऐसे कृत्यों के खिलाफ जागरूक रहे और आवश्यक कदम उठाए। प्रशासनिक विफलताओं के साथ-साथ, इस घटना ने सामाजिक जागरूकता की भी कमी को उजागर किया है। जनता को भी सतर्क रहना होगा और ऐसी अवैध गतिविधियों की जानकारी संबंधित अधिकारियों को देनी होगी।
तमिलनाडु में हुई इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि अवैध शराब का सेवन समाज के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। सरकार, प्रशासन, और समाज सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। मुख्यमंत्री स्टालिन के प्रयासों और प्रशासनिक कार्रवाई से उम्मीद है कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकलेगा और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।