यूपी की जौनपुर सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका लगा है। सपा के पूर्व विधायक ओम प्रकाश दुबे उर्फ बाबू दुबे ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार कृपाशंकर सिंह का समर्थन करने का एलान किया है। यह निर्णय आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सपा के लिए कठिनाई का सबब बन सकता है।
बाबू दुबे का समर्थन
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बाबू दुबे ने 21 मई को क्षेत्र के मतदाताओं के नाम एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने सपा के प्रत्याशी का विरोध करते हुए बीजेपी उम्मीदवार कृपाशंकर सिंह को समर्थन देने की बात कही है। बाबा दुबे ने करीब दस दिन पहले ही समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। वे सपा प्रत्याशी बाबू सिंह कुशवाहा के आपराधिक रिकॉर्ड को लेकर नाराज थे। उन्होंने 10 मई को अखिलेश यादव को पत्र भी लिखा था, जिसके बाद उन्होंने पार्टी ही छोड़ दी।
सपा प्रत्याशी से नाराजगी
समाजवादी पार्टी ने इस बार जौनपुर सीट से बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है। बाबा दुबे उनके नाम को लेकर शुरू से विरोध में थे, उन्होंने अपनी आपत्ति भी दर्ज की थी। लेकिन जब उनकी बात नहीं मानी गई, तब से ही इस बात की अटकलें लगने लगी थीं कि वे सपा छोड़ सकते हैं। बाबा दुबे ने सपा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा देते हुए कहा था कि बाबू कुशवाहा का ज़िक्र करते हुए कहा कि मैं इस आचरण के व्यक्ति का समर्थन या प्रचार नहीं कर सकता हूं।
राजनीतिक सफर
ओम प्रकाश दुबे जौनपुर की बदलापुर सीट से विधायक रह चुके हैं। साल 2009 में उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की थी। इससे पहले वे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में थे। जब बसपा पूर्ण बहुमत से सरकार में थी, तब उन्होंने बसपा को छोड़कर सपा का दामन थामा था। उनके इस कदम से सपा को काफी मजबूती मिली थी, लेकिन अब उनके बीजेपी के समर्थन से सपा को बड़ा नुकसान हो सकता है।
जौनपुर सीट पर चुनावी समीकरण
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जौनपुर सीट पर इस समय सियासत गरमाई हुई है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने भी भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने का एलान किया है। अब बाबू दुबे का बीजेपी के समर्थन में आना सपा के लिए चुनावी समीकरण को और भी कठिन बना रहा है। बाबू दुबे का बीजेपी के समर्थन में आना इस बात का संकेत है कि सपा के अंदरूनी विवाद और असंतोष का फायदा बीजेपी को मिल सकता है।
बीजेपी के लिए लाभ
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बाबू दुबे के समर्थन से बीजेपी के उम्मीदवार कृपाशंकर सिंह को बड़ा लाभ मिल सकता है। बाबू दुबे की स्थानीय स्तर पर अच्छी पकड़ और लोकप्रियता है, जिससे बीजेपी को सीधे वोटों का फायदा होगा। इससे सपा के उम्मीदवार बाबू सिंह कुशवाहा के लिए चुनावी चुनौती और भी बढ़ जाएगी।
समाजवादी पार्टी को जौनपुर सीट पर बड़ा झटका लगा है। बाबू दुबे का बीजेपी के समर्थन में आना सपा के लिए एक बड़ा नुकसान है। इससे पार्टी के अंदरूनी मतभेद और असंतोष खुलकर सामने आ गए हैं। बाबू दुबे की नाराजगी और उनका सपा छोड़कर बीजेपी का समर्थन करना यह दर्शाता है कि सपा को अपने उम्मीदवार चयन प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। इसके अलावा, इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि बीजेपी अपनी चुनावी रणनीति में सफल हो रही है और विपक्षी दलों के असंतुष्ट नेताओं को अपने पक्ष में करने में कामयाब हो रही है।
जौनपुर सीट पर आगामी लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम सपा के लिए चिंताजनक हो सकता है। बाबू दुबे की भूमिका इस चुनाव में निर्णायक साबित हो सकती है। अब यह देखना होगा कि सपा इस चुनौती का सामना कैसे करती है और किस प्रकार से अपने चुनावी रणनीति में बदलाव करती है। चुनावी मैदान में अब बीजेपी और सपा के बीच की यह टक्कर और भी रोचक हो गई है।