चंद पर गोल्फ खेलने वाले पहले अतरीक्षयात्री:- आज से लगभग 50 साल पहले अमेरिका इक्लौता ऐसा देश बना। जो इंसानो को चांद पर भेजने में सफल हुआ। इसके पहले बहुत से देश और खूद अमेंरिका भी इस काम में नाकामियाब रहे। लेकिन 6 फरवरी 1971 को अमेरिका ने अपोलो-14 को चांद की सतह पर उतरा जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। लेकिन इसके बाद जो हुआ वो चौंकाने वाला था। दरअसल, 31 जनवरी, 1971 को अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा अपने आठवें मून मिशन को लॉन्च किया। नासा के लिए यह मिशन काफी खास था, इसके लिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों को चुना गया था।
6 फ़रवरी 1971 को चंद पर उतरी थी अपोलो-14
नासा के अपने मून मिशन के लिए एलन शेफर्ड, स्टुअर्ट रूसा और एडगर मिशेल को चुना। 6 फरवरी 1971 को अपोलो-14 चांद की सतह पर उतरा, लेकिन इसके बाद जो हुआ वो चौंकाने वाला था। क्योंकि अपोलो-14 की लैंडिंग के बाद एलन शेफर्ड बाहर आए और चांद की जमीन पर गोल्फ खेलने लगे। अंतरिक्ष की गुत्थियों को सुलझाने के अलावा वो गोल्फ के भी शौकीन थे। चौंकाने वाली बात यह थी एलन गोल्फ स्टिक और 2 बॉल्स को अपने साथ छिपाकर ले गए थे। हालांकि इसकी जानकारी किसी को नहीं दी। उन्होंने इसे अपने स्पेस सूट में छिपाया। चांद पर पहुंचने के बाद उन्होंने गोल्फ खेला और दो बॉल मारीं। इसमें एक बॉल चांद की सतह पर दूर गिरी उसका नाम जैवेलिन कार्टर रखा गया।
उस गोल्फ स्टीक को रखा गया गोल्फ म्यूजियम में
जब वे धरती पर लौटे तो लंबे समय तक चांद पर गोल्फ खेलने के कारण चर्चा में रहे। इस तरह वो चांद पर गोल्फ खेलने वाले पहले व्यक्ति बन गए। उनकी गोल्फ स्टीक को अमेरिकी गोल्फ एसोसिएशन के गोल्फ म्यूजियम में रखा गया है। आज भी इतिहास और अंतरिक्ष में दिलचस्पी रखने वाले लोग जब अमेरिका जाते हैं तो म्यूजियम में जाकर उस स्टिक को देखना नहीं भूलते हैं। नासा के 9 दिन 2 मिनट के उस अपोलो-14 मिशन में शेफर्ड और एडगर मिशेल 9 घंटे 24 मिनट तक वहां रहे। इतना ही नहीं दोनों वहां से करीब 42 किलो चट्टान और मिट्टी लेकर लौटे। वो चट्टान 4,500 मिलियन साल पुराने क्रिस्टेलाइन रॉक की थी, जो एकदम सफेद था।