ऑस्ट्रेलिया में बन रहे हैं पहले मानव ब्रेन-स्केल कंप्यूटर के बारे में ताजगी से जानकारी मिली है. इस सुपरकंप्यूटर का नाम “डीपसाउथ” है, और इसे ऑनलाइन करने की योजना अगले साल है. डीपसाउथ को सिडनी के इंटरनेशनल सेंटर फॉर न्यूरोमॉर्फिक सिस्टम्स (आईसीएनएस) द्वारा इंटेल और डेल के साथ मिलकर बनाया जा रहा है, और यह यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न सिडनी में स्थापित किया जाएगा.
इस सुपरकंप्यूटर का मुख्य उद्देश्य न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग और बायोलॉजिकल डिजाइन की दिशा में प्रगति करना है. इसमें हार्डवेयर चिप्स को स्पाइकिंग न्यूरल नेटवर्क को लागू करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो मस्तिष्क के सिनैप्टिक ऑपरेशन की अनुमानित संख्या के बराबर है।
डीपसाउथ के हार्डवेयर चिप्स न्यूरल नेटवर्क को मॉडल करने के लिए डिजाइन किए गए हैं, जो मस्तिष्क में सूचनाओं को संसाधित करने के तरीके को मिमिक करते हैं। यह सुपरकंप्यूटर प्रति सेकंड 228 ट्रिलियन सिनैप्टिक ऑपरेशन करने में सक्षम होगा, जो मानव मस्तिष्क में होने वाले सिनैप्टिक ऑपरेशन की अनुमानित संख्या के बराबर है।
डीपसाउथ का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग और जैविक दिमाग की समझ को आगे बढ़ाना है। इसे यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न सिडनी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बहुत कम बिजली का उपयोग करके यह सुपर-फास्ट और समानांतर प्रसंस्करण की सुविधा प्रदान करेगा। यह बड़े पैमाने पर सक्रिय होने की क्षमता के साथ आगामी सुपरकंप्यूटर कंप्यूटिंग में ऊर्जा की दक्षता में सुधार कर सकता है।
इसके अलावा, डीपसाउथ अर्थशास्त्री और आर्थिक अनुसंधान में विशेषज्ञ जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के राल्फ एटियेन-कमिंग्स के अनुसार एआई में भी मदद करेगा, क्योंकि इससे शोधकर्ता मस्तिष्क की नकल करने के लिए अधिक तेजी से आगे बढ़ा सकेंगे। उनका कहना है कि डीपसाउथ आगामी सुपरकंप्यूटर कंप्यूटिंग में ऊर्जा दक्षता के मार्ग को प्रशस्त कर सकता है और एआई की प्रक्रियाओं को बनाए रखने में मदद करेगा।