बिहार के शेखपुरा जिले के बरबीघा थाना क्षेत्र के गांव माउर में एक हृदयविदारक घटना घटी, जिसने पूरे समाज को हिलाकर रख दिया। एक निर्दयी ससुर ने पोते की चाहत में अपनी बहू की बेरहमी से हत्या कर दी। उसने अपनी बहू, सिंधु कुमारी, को 12 बार चाकू से गोदा और यह घिनौना कृत्य उसने अपनी पोतियों के सामने ही किया।
घटना का विवरण
इस दिल दहला देने वाली घटना में सिंधु कुमारी की शादी 2011 में टुल्लू कुमार उर्फ राहुल के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही वह अपने ससुराल में अपने पति और ससुर के साथ रह रही थी। उसकी दो बेटियां थीं, लेकिन उसके ससुर को पोते की चाह थी। पोते के अभाव ने ससुर को इस कदर निर्दयी बना दिया कि उसने अपनी बहू की हत्या करने का घिनौना कदम उठाया।
ससुर अक्सर सिंधु पर दबाव डालता था कि वह एक बेटा पैदा करे। जब उसकी यह चाह पूरी नहीं हुई, तो उसने अपनी बहू को मार डालने की ठान ली। ससुर ने पहले भी सिंधु को गाली-गलौज और मारपीट की धमकियाँ दी थीं। यहाँ तक कि वह अपने बेटे की दूसरी शादी कराने की भी धमकी देता था, ताकि दूसरी बहू से उसे पोता मिल सके।
हत्या की रात
घटना की रात ससुर ने अपनी पोतियों के सामने ही सिंधु पर चाकू से हमला किया। बच्चियों ने अपनी माँ को तड़पते हुए देखा और जब उन्होंने मामा को यह बताया तो इस घिनौनी घटना का पर्दाफाश हुआ। सिंधु की दर्दनाक मौत के बाद ससुर फरार हो गया। पुलिस ने मामले की सूचना मिलते ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और आरोपी की तलाश शुरू कर दी।
पुलिस की कार्यवाही
बरबीघा थाना प्रभारी वैभव कुमार ने घटना की पुष्टि की है। हालांकि, अब तक इस मामले में कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन मृतका के भाई भीम शंकर सिंह ने पुलिस को मौखिक रूप से घटना की जानकारी दी है। पुलिस ने राहुल को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जो मुंबई में इलेक्ट्रिक रिक्शा चलाता है और अपनी पत्नी की मौत की खबर सुनकर गांव लौटा था।
हत्या को हादसा दिखाने की कोशिश
हत्यारोपी ससुर ने अपनी इस घिनौनी करतूत को छिपाने के लिए इसे एक हादसे का रूप देने की कोशिश की। उसने अपने दामाद के माध्यम से मृतका के परिजनों को बताया कि सिंधु की मौत छत से गिरने के कारण हुई है। लेकिन, बच्चियों ने अपने मामा भीम शंकर सिंह को पूरी घटना बता दी, जिससे सच सामने आ गया।
सामाजिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना न केवल ससुर की निर्दयता और दरिंदगी को दर्शाती है, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों की एक और कड़ी है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि आज भी समाज के कुछ हिस्सों में पोते की चाहत किस हद तक जानलेवा हो सकती है।
न्याय की आस
मृतका के परिवार वालों ने न्याय की गुहार लगाई है। वे चाहते हैं कि दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो। पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी की तलाश में जुटी है।
यह घटना समाज के उन काले पक्षों को उजागर करती है, जहां महिलाओं के साथ अत्याचार और दमन आज भी जारी है। हमें समाज में ऐसी मानसिकता के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में कोई और सिंधु इस तरह की दर्दनाक मौत का शिकार न हो।
समाज को यह समझना होगा कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं होता और महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। ऐसे मामलों में न्याय दिलाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा ताकि महिलाओं को उनके अधिकार और सम्मान मिल सके।