भारत ने पिछले एक साल में विदेशी धरती पर कई दुश्मनों को खात्मा कर दिया है। इनमें से कुछ आतंकवादी थे और कुछ को भारत ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मारा गया। इन हमलावरों ने भारत के खिलाफ अपनी दुर्घटनाएं की थीं और उन्हें बचाने के लिए भारत ने सक्रिय कदम उठाए। विदेश में भारत के कई दुश्मनों का सामना करना भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। पिछले एक साल में हुए कई आतंकी हमलों में भारतीय नागरिकों और सुरक्षा बलों ने अपने जीवन को खतरे में डाला है।
इन हमलावरों में से कई नाम भारतीय लोगों के लिए जाने-माने थे, और उनका सामना करना एक महत्वपूर्ण पल बन गया। यहां हम कुछ ऐसे आतंकी नेताओं के नामों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जिनका विदेशी धरती पर समाप्त हो गया है:
1. शाहिद लतीफ (सियालकोट, 2016): साल 2016 में पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ को सियालकोट में मारा गया। वह जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी थे और उनकी मौत ने भारत को एक बड़ी जीत दिलाई।
2. हरदीप सिंह निज्जर (कनाडा, 2020): खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को 2020 में कनाडा में गोली मारकर मार गिराया गया। उन्हें खालिस्तान टाइगर फोर्स के लिए रिक्रूट करने और ट्रेनिंग देने का आरोप था।
3. रियाज अहमद (पीओके, 2023): लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर रियाज अहमद को डांगरी आतंकी हमले के बाद पीओके में मारा गया। उनकी अज्ञात हमलावरों ने मस्जिद के बाहर हत्या की।
4. बशीर अहमद पीर (रावलपिंडी): हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बशीर अहमद पीर को अज्ञात हमलावरों ने रावलपिंडी में मार गिराया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए कई आतंकी भर्तियां की थीं।
5. सैयद खालिद रजा (कराची): अल-बदर के कमांडर सैयद खालिद रजा को भी अज्ञात हमलावरों ने कराची में मार गिराया।
6. मिस्त्री जहूर इब्राहिम: इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC814 के हाइजैकर मिस्त्री जहूर इब्राहिम को पाकिस्तान के कराची में भूनकर मार डाला गया। वह एक महत्वपूर्ण हाइजैकिंग के पीछे थे जिसने भारतीय राजनीति में बड़ा परिवर्तन किया।
7. परमजीत सिंह पंजवड (लाहौर): खालिस्तानी कमांडो फोर्स के सरगना परमजीत सिंह पंजवड को लाहौर में दो अज्ञात बंदूकधारियों ने मार डाला। उन्होंने सिखों को भड़काने के लिए कई प्रयासों में लगा हुआ था।
ये घटनाएं साबित करती हैं कि भारत के सुरक्षा बल निर्विरोध रूप से देश की सुरक्षा में जुटे हुए हैं और वे विदेशी धरती पर भी देश की रक्षा करने के लिए तैयार हैं। इससे सुरक्षा बढ़ी और देश को एक सुरक्षित माहौल मिला।