मनोज भोजपुर जिले के अगिआंव विधानसभा के सुरक्षित सीट से भाकपा माले के विधायक हैं। उनके साथ 23 अन्य आरोपियों को भी उम्रकैद और 10-10 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
बिहार में फ्लोर टेस्ट के बाद महागठबंधन को एक और बड़ा झटका लगा है। हत्या के मामले में भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल को अदालत ने 20 वर्ष की सजा सुनाई है। 2015 में हुए जेपी सिंह हत्याकांड में आरोपी थे। आरा सिविल कोर्ट में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है। इसके साथ ही अब मनोज मंजिल की विधायकी भी जा सकती है।
उम्रकैद की सजा 23 अन्य आरोपियों को भी
मनोज भोजपुर जिले के अगिआंव विधानसभा के सुरक्षित सीट से भाकपा माले के विधायक हैं। उनके साथ 23 अन्य आरोपियों को भी उम्रकैद और 10-10 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई के दौरान साक्ष्य पाए जाने पर उपरोक्त सजा सुनाई गई। सजा के बिंदु पर फैसले के बाद मिले विधायक समेत सभी दोषी आरोपितों को कस्टडी में ले लिया गया है।
आपको बता दें कि मनोज मंजिल ने वर्ष 2020 में प्रथम बार महागठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत भी दर्ज की थी। उनकी नामांकन के समय गिरफ्तारी भी हुई थी लेकिन बाद में जमानत पर बाहर आए थे।
9 साल पहले हुई थी निर्मम हत्या
अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव में विगत 20 अगस्त 2015 को हुई माले नेता सतीश यादव की हत्या के बाद जेपी सिंह की हत्या हुई थी। इस घटना के बाद चौरी थाना क्षेत्र के बेरथ पुल के समीप नहर किनारे से शव बरामद किया गया था। शव बरामद किए जाने के बाद शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी। इस मामले में जेपी सिंह के पुत्र के बयान पर 23 नामजदों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराई गई थी जिसे लेकर कोर्ट में ट्रायल चल रहा था। मंगलवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए समय निर्धारित की गई थी।