बिहार में कांग्रेस पार्टी को अनिल शर्मा के इस्तीफे का झटका लगा है। यह इसलिए बड़ा मुद्दा बन गया है क्योंकि यह चुनावी समय में हुआ है, जब लोकसभा चुनाव के लिए पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा हो रहा है। अनिल शर्मा ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है और इसके पीछे सीट शेयरिंग के मुद्दे को लेकर उनकी असंतोष जगाई गई है।
बिहार में महागठबंधन की सीटों के बंटवारे के दौरान कांग्रेस और राजद के बीच कई मुद्दों पर खींचतान देखी गई है। पूर्वी बिहार में पूर्णिया सीट को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच विवाद हो रहा है। इसके अलावा, कांग्रेस को दी गई सीटों की भी आलोचना हो रही है, जिससे उनके कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल बना है।
अनिल शर्मा ने अपने इस्तीफे में यह कहा कि उन्हें लगता है कि कांग्रेस को कमजोर सीटें मिली हैं और यह राजद की चाल है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ महागठबंधन को अच्छी तरह से लड़ने के लिए उन्हें मजबूत सीटें मिलनी चाहिए थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने अपने इस्तीफे में राहुल गांधी को भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें चाहिए कि वह कश्मीर में मोहब्बत की दुकान न खोलें बल्कि वहां के समुदाय के साथ समझौता करें। इससे साफ़ होता है कि कांग्रेस के इस्तीफे के पीछे कई मुद्दे हैं जिन्हें समेटते हुए उन्होंने अपने नाम का इस्तीफा दिया है।
बिहार की राजनीति में यह घटना एक बड़ा मोड़ है। महागठबंधन के बीच इस तरह की असंतोष दिखाई देना राजनीतिक दायरे में एक बड़ी बदलाव की संभावना दिखा रहा है। इससे साफ होता है कि चुनावी दंगल की तैयारी में सभी पार्टियों को अपनी रणनीति को मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि वे चुनाव में सफलता प्राप्त कर सकें।