सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने की उम्मीद है, और इसके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इसमें पिछले कुछ दिनों में कई चुनौतियों का सामना किया गया है, लेकिन आशा है कि जल्द ही सभी मजदूर सुरंग से बाहर निकलेंगे।
सिलक्यारा टनल में 41 मजदूरों के फंसने के बाद, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और उत्तराखंड सरकार ने समृद्धि की कामना की है। रेस्क्यू टीमें ने जीवन को बचाने के लिए कई प्रयास किए हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में कई चुनौतियां आईं हैं, जैसे कि मलबे में पाइप डालने की कठिनाई, ड्रिलिंग के बाधाएं, और मशीन की खराबी। इसके बावजूद, रेस्क्यू टीमों ने इन चुनौतियों का सामना करते हुए प्रतिबद्धता दिखाई है।
आइडिया है कि आज तक 50 मीटर की ड्रिलिंग की गई है और अब तक यह सफल रहा है। विशेषज्ञों की टीम ने ड्रोन सेंसर रेडार का उपयोग किया है, जो पहले बार इस प्रकार के ऑपरेशन में लागू हो रहा है।
सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों की स्थिति के बारे में अब तक की जानकारी यहां दी गई है:
12 नवंबर: 41 मजदूर सिलक्यारा टनल में फंस गए।
13 नवंबर: मलबा रोकने के लिए कंक्रीट लगाया गया।
14 नवंबर: छोटी मशीन से ड्रिलिंग कार्य शुरूकी गयी।
15-16 नवंबर: ऑगर मशीन मंगवाई गई।
17 नवंबर: ऑगर मशीन से ड्रिलिंग कार्य शुरूकी गयी।
18 नवंबर: इंदौर से और ऑगर मशीन आई।
19 नवंबर: SDRF, NDRF, BRO ने मोर्चा संभाला।
20 नवंबर: विदेश से टनलिंग एक्सपर्ट आए।
21 नवंबर: मजदूरों तक पहली बार पूरी डाइट पहुंची।
22 नवंबर: वर्टिकल ड्रिलिंग में कामयाबी मिली।
23 नवंबर: रेस्क्यू टीम मजदूरों के काफी करीब पहुंची।
24 नवंबर: बाहर निकाले जा सकते हैं सभी मजदूर।
आज दोपहर तक टनल में फंसे लोगों को बाहर निकाला जा सकता है। टनल में एक टीम जहां ड्रिलिंग के काम में लगी है वहीं रेस्क्यू के काम में लगे लोगों की सेफ्टी के लिए ड्रोन सेंसर रेडार का इस्तेमाल किया जा रहा है। हिंदुस्तान में पहली बार टनल के अंदर ड्रोन सेंसर रेडार का इस्तेमाल हो रहा है। बेंगलोर से एक्सपर्ट्स की टीम इस ड्रोन को लेकर टनल के अंदर गई है।
सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों की सुरक्षा के लिए NDRF के जवानों ने कड़ी मेहनत कर रहे हैं। सुरक्षा के लिए उत्तराखंड सरकार ने विभिन्न एजेंसियों को जुटाया है और उन्हें आवश्यक सामग्री और उपकरण पहुंचाए जा रहे हैं।
इस समय यह नहीं कह सकते कि मजदूर कब बाहर आ पाएंगे, लेकिन पूरे देश की आशाएं उनके साथ हैं और हम सब उनकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।