1.विदेशी दौरा की सीमा:– व्लदिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ हुए युद्ध के बाद से अपने विदेशी दौरों को सीमित कर दिया है. इसका मतलब है कि उन्होंने विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने का निर्णय लिया है.|
2.यूक्रेन युद्ध के सवाल जवाब:– पुतिन जी-20 सम्मेलन में शामिल होते हुए यूक्रेन युद्ध के सवाल जवाब का सामना करने के बारे में चिंतित है, और इससे बचने के लिए वह इस सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं।
3.आईसीसी द्वारा गिरफ्तारी वारंट:- आईसीसी ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, और इससे रूस के राष्ट्रपति को दुनिया के कई देशों में ना पसंद किया जा रहा है।
4.सुरक्षा का महत्व:- पुतिन को सुरक्षा की चिंता है, और उन्हें इस सम्मेलन में शामिल होते हुए सुरक्षा के सवालों का सामना करना नहीं चाहिए।
5.जी-20 से जुड़े बैठक में विवाद:– पुतिन की ब्रिटेन के रक्षा विभाग में हुई बैठक में विवाद हुआ था, जिसमें रूस को बुराई कहा गया था, और इसके चलते उन्होंने जी-20 सम्मेलन में शामिल नहीं होने का फैसला किया।
भारत ने यूक्रेन को इस सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया है, और इसका कारण कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो की आपत्ति है। ट्रूडो ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से सहमति करने का संकेत दिया है। जी-20 सम्मेलन विश्व की आर्थिक सहयोग और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, और यह दुनिया के मुख्य देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण चर्चाओं का मंच है।