इसरो (ISRO) ने हाल ही में Aditya L1 मिशन के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसमें Aditya एल1 को अपनी चौथी बार अर्थ ऑर्बिट से दूर भेजा गया है। इस कदम से सूरज से Aditya एल1 की दूरी कम हो गई है, जो इस मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके परिणामस्वरूप, Aditya एल1 अब 256 किमी x 121973 किमी की नई ऑर्बिट में घूम रहा है।
19 सितंबर का महत्व:-19 सितंबर को, Aditya L1 मिशन ने एक महत्वपूर्ण पड़ाव पूरा करने की योजना बनाई है, जिसे EBN#5 कहा जा रहा है। इस पड़ाव के दौरान, आदित्य एल1 की ऑर्बिट धरती के चारों ओर बदल दी जाएगी, ताकि वह इतनी गति हासिल कर सके कि वह आगे के सफर को आसानी से पूरा कर सके।
आगे की यात्रा:-इसके बाद, Aditya एल1 अपने यान सूरज की तरफ मौजूद L1 प्वाइंट की तरफ निकल जाएगा, जो पृथ्वी और सूर्य के बीच एक संतुलित गुरुत्वाकर्षण स्थान है। यह यात्रा करीब 109 दिनों तक चलेगी और सूरज की पड़ताल के लिए आवश्यक जानकारी को जमा करेगी।
सूरज की पहली तस्वीर:-इस मिशन के तहत Aditya L1 से सूरज की पहली तस्वीर की उम्मीद है कि वो अगले साल फरवरी या मार्च में मिलेगी। इसरो के VELC यंत्र के माध्यम से सूरज की HD फोटो ली जाएगी, जो मौजूदा डेटा को समृद्ध करेगी और अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगी।
इस मिशन के सफल पूरा होने से, भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा को और भी बढ़ा दिया है, और इससे गर्व कर सकता है। आगामी प्रयासों में इसरो की योगदान की आशा है, और हम सूरज के रहस्यों को खोलने की दिशा में आगे बढ़ रहा हैं।