झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बड़ी रेड की गई है, जिसमें ईडी ने भारी संख्या में नकदी बरामद किया है। इस छापेमारी में राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर के निजी सचिव के नौकर के ठिकानों पर छापेमारी के् दौरान भारी संख्या में कैश बरामद किया गया है। इसमें आलमगीर से जुड़े अन्य व्यक्तियों के भी ठिकानों पर रेड की गई है।
झारखंड में इसी वक्त लोकसभा चुनाव का महत्वपूर्ण दौर चल रहा है, और छापेमारी की खबर इसे और भी रोचक बना रही है। राजनीतिक दलों के बीच इस छापेमारी को लेकर काफी हलचल हो रही है।
इस छापेमारी के दौरान, ईडी ने पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत कई स्थानों पर रेड की है। सूत्रों के मुताबिक, इस कार्रवाई का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग और अनियमित धन प्रवाह को रोकना है।
छापेमारी के दौरान नकदी बरामद किया गया है, जिसे अभी गिना जा रहा है। इसमें आलमगीर के निजी सचिव के नौकर के ठिकानों पर बरामद नकदी भी शामिल है। नकदी की गिनती के बाद, और जांच के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
ईडी की छापेमारी में मिले नोटों का संबंध झारखंड के मंत्री आलमगीर से जुड़ा है। यह मामला खासतौर पर उनके निजी सचिव के नौकर के ठिकानों को लेकर है। इसे राजनीतिक दलों के बीच काफी चर्चा का विषय बना रहा है।
इस छापेमारी के दौरान, बैंक कर्मचारियों और मशीनों को भी नकदी की गिनती के लिए मंगवाया गया है। इससे नकदी की सटीक मात्रा का पता चलने में मदद मिलेगी।
ज्यादा गारंटी और उसकी पूरी जानकारी के लिए सूत्र से पता चलता है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा छापेमारी का मुख्य लक्ष्य मनी लॉन्ड्रिंग और अनियमित धन प्रवाह को रोकना है।
प्रवर्तन निदेशालय की टीम वीरेंद्र के राम के घरेलू नौकर के ठिकानों पर भी छापेमारी की है। यह मामला भी राजनीतिक दलों के बीच चर्चा का विषय बना है।
इसी संदर्भ में, प्रवर्तन निदेशालय ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल के घरेलू नौकर के ठिकानों पर भी छापेमारी की है। इसमें भी भारी संख्या में कैश बरामद किया गया है। जब्त नकदी की गिनती जारी है।
झारखंड में पीएमएलए के तहत ईडी की ये कार्रवाई बड़ी है और इससे अब तक कई लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इसमें अलग-अलग विधायकों और मंत्रियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है।
झारखंड में अनियमितता के खिलाफ इस तरह की कड़ी कार्रवाई करना जरूरी है। इससे समाज में विश्वास और न्याय की भावना बनी रह सकती है। इस छापेमारी से नकदी के अवैध प्रवाह को रोकने में मदद मिलेगी और स्थानीय लोगों को भी एक सकारात्मक संदेश मिलेगा कि कानून का पालन करना जरूरी है।