देश भर के ऑर्थोपेडिक सर्जन के राष्ट्रीय कांफ्रेंस ‘नेल्स्कॉन – 2023’ में हड्डी से जुड़े कई महत्वपूर्ण ईजाद और इलाज पर चर्चा हुई
1200 से ज्यादा ऑर्थोपेडिक सर्जन राजगीर में जुटे हैं पहले दिन दो वर्कशॉप और दो लेक्चर हुए शाम में औपचारिक उद्घाटन हुआ
बुजुर्गों में हड्डी टूटना काफी आम
राजगीर/ बुजुर्गों में हड्डी टूटना काफी आम है। क्योंकि इस उम्र में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। लेकिन कई बार इलाज कराने के बाद भी समस्या दूर नहीं होती। सर्जरी के बाद भी कई समस्या सामने आती है। ऑर्थोपेडिक सर्जन डा प्रशांत कुमार सिन्हा (पटना) का कहना था कि केशव नैलिंग से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। आर्डिनरी नैलिंग लूज हो जाता है। लेकिन केशव नेल (टूटे हुए हड्डी को जोड़ने वाला रॉड) डालने से यह लंबे वक्त तक स्थायी निवारण देता है।
यह बातें देश भर के ऑर्थोपेडिक सर्जन के राष्ट्रीय कांफ्रेंस ‘नेल्स्कॉन – 2023’ के पहले दिन सामने आई। डा सिन्हा ‘सुप्रकोंडायलर नैलिंग ऑफ फेमूर ‘ विषय पर आयोजित वर्कशॉप में बोल रहे थे।
पहले दिन दो वर्कशाप और दस लेक्चर हुए।
पहला वर्कशॉप प्रॉक्सीमल फेमोरल नेल(पीएफएम) पर था, जिसके कोर्स डायरेक्टर डॉ शिवा शंकर(शोलापुर, महाराष्ट्र) थे। वो कूल्हा टूटने पर उसके इलाज के लिए ईजाद नए तकनीक पर बोलें।
कांफ्रेंस के पहले दिन Nailing in periprosthetic fractures after TKR – tips and pearls पर मुंबई के डॉ एसएस मोहंती और Distal Tibia Fractures be treated by Nailing 10 commands पर इंदौर के डॉ साकेत जटी ने लेक्चर दिया। तकनीकी सत्र के अंत में मुंबई के डॉ राम चड्ढा ने मोटिवेशनल लेक्चर दिए।
‘नेल्स्कॉन – 2023’ का उद्घाटन बिहार के वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डॉ वीके सिन्हा ने किया।
‘नेल्स्कॉन – 2023’ का उद्घाटन बिहार के वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डॉ वीके सिन्हा ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अतुल श्रीवास्तव थे। कांफ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि इस कांफ्रेंस में केरल से कश्मीर तक के 1200 से ज्यादा ऑर्थोपेडिक सर्जन हिस्सा ले रहे हैं। इस कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य फ्रैक्चर के बेहतर इलाज का है। ऑर्थोपेडिक नैलिंग को कैसे और डेवलप किया जाए, इसी पर मंथन करना है। इस विधा के नए – नए तकनीक से डॉक्टरों को अवगत कराना भी एक उद्देश्य है।
इस कांफ्रेंस में डा मनोज चौधरी, डा अमूल्या सिंह, डा महेश प्रसाद, डा रंजीत कुमार सिंह, डा राजीव आनंद आदि मौजूद हैं। ये ऑर्गनाइजिंग कमिटी के सदस्य भी हैं।