अमेरिका ने ईरान और सीरिया के आतंकी ठिकानों पर बड़ा हमला किया है, जिससे मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा है। इसके पीछे की कहानी यह है कि इजराइल और हमास के बीच की जंग में अमेरिका ने भी अपनी भूमिका को बढ़ाते हुए ईरान और सीरिया के आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। इससे मिडिल ईस्ट में बढ़ता हुआ तनाव देखा जा रहा है।
इजराइल और हमास की जंग व्यापक रूप से फैल रही है और इस जंग में अमेरिका ने अपनी भूमिका को बढ़ाते हुए कदम उठाया है। इस जंग में अमेरिका ने अब तक अपने जंगी बेड़े के साथ खड़ा रहा और देखता रहा की नीति पर चलता रहा है। हालांकि इजराइल को हुए आतंकी हमलों को नाकामयाब बनाए रखने में सफलता मिली, लेकिन इस बार अमेरिका ने सीरिया और ईरान के आतंकी ठिकानों पर जोरदार हमला किया है।
इस हमले के पीछे की वजह है कि पिछले एक महीने से इजराइल गाजा पट्टी पर लगातार हमले कर रहा है और इसके बावजूद भी आतंकी हमले बढ़ते जा रहे थे। इसके जवाब में अमेरिका ने सीरिया और ईरान के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई करने का फैसला किया है। यह हमला तनाव को बढ़ा सकता है और मिडिल ईस्ट में नई बहस उत्पन्न हो सकती है।
अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने हमलों पर आपको जानकारी देते हुए कहा है कि इराक और सीरिया में अमेरिका के खिलाफ जारी हमलों के जवाब में अमेरिकी कर्मियों ने पूर्वी सीरिया में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले उपकरणों के ठिकानों पर हमले किए गए हैं। यह कार्रवाई ईरान से जुड़े आतंकी ठिकानों के खिलाफ की गई है और इससे तनाव में वृद्धि हो सकती है।
इस तरह, अमेरिका ने अपने स्वार्थ के लिए मिडिल ईस्ट में कदम उठाया है, लेकिन इससे नई बहस और तनाव उत्पन्न होने की संभावना है।