“वन नेशन, वन इलेक्शन” की योजना को देश में लागू करने के लिए कई कानूनी अड़चनें हैं, जिन्हें दूर करने की जरूरत होगी। इस योजना के अनुसार, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे, जिसके लिए कम से कम पांच संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता होगी। यहां हम उन पांच संविधान संशोधनों के बारे में डिटेल्स में जानेंगे:
1.अनुच्छेद 83:- यह अनुच्छेद लोकसभा के सदनों की अवधि के संबंध में होता है। इसे संशोधित करके विधायकों को एक साथ चुनाव कराने की अनुमति दी जा सकती है।
2.अनुच्छेद 85:- इस अनुच्छेद में राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा को भंग करने के संबंध में विवरण दिया गया है। यह अनुच्छेद भी संशोधित करके एक साथ चुनाव करने की संभावना हो सकती है।
3.अनुच्छेद 172:- इस अनुच्छेद में राज्य विधानसभाओं की अवधि के संबंध में विवरण दिया गया है। इसका संशोधन करके राज्यों में भी एक साथ चुनाव कराने की संभावना हो सकती है।
4.अनुच्छेद 174:- इस अनुच्छेद में राज्य विधानसभाओं के विघटन से संबंधित विवरण दिया गया है। यह अनुच्छेद भी संशोधित करके एक साथ चुनाव कराने की संभावना हो सकती है।
5.अनुच्छेद 356:-इस अनुच्छेद में राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने से संबंधित है। इसका संशोधन करके राज्यों में एक साथ चुनाव कराने की संभावना हो सकती है इन पांच संविधानिक संशोधनों के माध्यम से “वन नेशन, वन इलेक्शन” की योजना को लागू करने के लिए संविधान में बदलाव किया जा सकेगा।
यह भी महत्वपूर्ण है कि सभी राज्य सरकारों की सहमति प्राप्त की जाए और विभिन्न राज्यों में अतिरिक्त ईवीएम और पेपर ट्रेल मशीनों की आवश्यकता होगी, जिनकी लागत बड़ी हो सकती है।
संविधानिक और व्यवस्थात्मक रूप से संभव बनाने के लिए वन नेशन, वन इलेक्शन का उद्देश्य
इसका उद्देश्य वन नेशन, वन इलेक्शन को संविधानिक और व्यवस्थात्मक रूप से संभव बनाना है ताकि सरकारी खजाने को बचाया जा सके और चुनाव के प्रयासों की पुनरावृत्ति से बचा जा सके।
इसके साथ ही, यह भी जरूरी है कि सभी राजनीतिक दलों की सहमति प्राप्त की जाए ताकि इस महत्वपूर्ण लोकतंत्रिक प्रक्रिया को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके।
इस प्रस्तावित बदलाव से न केवल सरकारी खजाने की बचत होगी, बल्कि यह चुनाव प्रक्रिया को भी संविधानिक और प्रशासनिक दृष्टि से सुदृढ़ करेगा और राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को उनके चुनाव अभियानों में काफी बचत लाएगा।
लोकतंत्र में स्थायीता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का प्रस्ताव
इस प्रक्रिया के सफलतापूर्वक आयोजन से लोकतंत्र में और भी स्थायीता और पारदर्शिता आएगी, जिससे नागरिकों के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और लोकतंत्र की मूल बुनाई में मदद मिलेगी।
इस प्रस्तावित “वन नेशन, वन इलेक्शन” की योजना को विधि आयोग के पास भेजा गया है, और अब यह देखा जा रहा है कि कैसे यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया को अमल में लाया जा सकता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे भारतीय लोकतंत्र को और भी सुदृढ़ और प्रभावी बनाने का प्रयास है।