नई दिल्ली: प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा में भारतीय राजनयिकों के खिलाफ एक और बेताब बयान दिया है। इस बार, उन्होंने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा की ‘नागरिक गिरफ्तारी’ के लिए एक लाख कैनेडियन डॉलर का इनाम की घोषणा की है। इसके पीछे उनका आरोप है कि वर्मा ने एयर इंडिया के लिए आतंकी खतरे का झूठा आरोप लगाया है।

गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने अहमदाबाद में होने वाले आईसीसी विश्व कप फाइनल के दौरान एयर इंडिया की फ्लाइट्स से सफर न करने की चेतावनी दी थी। उसके इस वीडियो के बाद, कनाडाई सरकार और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने उन पर संभावित आतंकी खतरे की जांच करने का ऐलान किया था।

इस बयान के परंतु उन्होंने वर्मा को ‘ध्यान भटकाने’ के लिए इनाम की घोषणा की है, और कहा है कि वर्मा ने ‘बॉयकॉट एयर इंडिया’ को ‘आतंकवादी खतरे’ के साथ जोड़कर गलत प्रचार किया है और कनाडाई सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया है।
कनाडा की आपराधिक संहिता की धारा 494 (1) में ‘नागरिक गिरफ्तारी और आत्मरक्षा अधिनियम’ के तहत किए जाने वाले इस प्रकार के कार्रवाई को ‘नागरिक गिरफ्तारी’ कहा जाता है। इसके अनुसार, कोई व्यक्ति बिना वारंट के किसी दूसरे शख्स को गिरफ्तार कर सकता है, जिसे वह अभियोग योग्य अपराध करते हुए पाता है या जिसके बारे में वह उचित आधार पर विश्वास करता है कि वह व्यक्ति एक आपराधिक कृत्य किया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए कानूनी अधिकार है।

पन्नू की इस इनाम घोषणा ने भारत और कनाडा के बीच रिश्तों को और भी तनावपूर्ण बना दिया है। इसके पहले भी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते बन गए हैं।
पन्नू के इस बयान ने भारतीय सरकार को कठिनाई में डाला है, और इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में और भी समझौता होने की संभावना को कम कर दिया है। इस परिस्थिति में समझौते का संकेत हो सकता है, लेकिन कुछ भी कहा जा सकता है, और तनाव बना रहने की संभावना है।