प्रयागराज में 12 साल बाद महाकुंभ की घोषणा हो रही है, और इसमें कई मायनों में विशेषता होगी। यह महाकुंभ 2025 को होने वाला है, जिसमें श्रद्धालुओं को कई विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस बार का महाकुंभ कुल 45 दिन तक चलेगा, जिसकी शुरुआत 13 जनवरी 2025 को होगी और समापन 26 फरवरी को। इसमें 6 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का आगमन होने की संभावना है, और इनमें से 40 लाख श्रद्धालु शाही स्नानों में शामिल हो सकते हैं।
इसके साथ ही, 40 लाख कल्पवासी तंबुओं में रहने की सुविधा भी होगी। यूपी में पिछला महाकुंभ 2013 में हुआ था, और इसके 12 साल बाद फिर से महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान, प्रयागराज में विकास कार्यों की भरमार हो रही है ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुखद अनुभव हो सके। सरकार ने इस महाकुंभ के लिए 3 हजार करोड़ रुपये का बजट जारी किया है, और इसे यूपी की तरक्की को शोकेस करने का एक अवसर माना जा रहा है।
इस महाकुंभ के तैयारी कार्यों में, योगी सरकार ने मेला क्षेत्र में आरओबी, पुलों, रोप-वे, और पीपा पुल समेत विभिन्न निर्माण कार्यों को ध्यान में रखते हुए शुरूआत की है। इसके लिए विशेष पैम्पलेट्स और डिजिटल म्यूजियम का आयोजन किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को महाकुंभ के इतिहास और महत्व के बारे में जानकारी मिल सके। सुरक्षा के मामले में भी सरकार ने कड़ी कदम उठाए हैं, और ड्रोन के जरिए सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम किया जा रहा है। पानी और शौचालय की सुविधा को भी महाकुंभ क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। इसमें से 2 हजार करोड़ रुपये का बजट तय कर योगी सरकार ने कहा है कि इससे महाकुंभ के कार्यों में और तेजी से प्रगति होगी।
सरकार ने धनराशि मेला प्राधिकरण को इस धन का प्रबंधन करने का दायित्व दिया है। इससे महाकुंभ के विकास कार्यों की समीक्षा नियमित रूप से की जा रही है।
इसमें से जुड़े सभी कार्यों का लक्ष्य है कि महाकुंभ के श्रद्धालुओं को सुरक्षित और अच्छे सुविधाएं प्रदान की जाएं, ताकि वे एक मीठी याद लेकर वापस लौट सकें।