शटडाउन क्या होता है, और अमेरिका में इसका प्रारूपण क्यों हो रहा है, यह सवाल बहुत से लोगों के मन में हो सकता है। इसलिए, चलिए हम इस विषय पर गहराई से चर्चा करें।
शटडाउन क्या होता है?
संयुक्त राज्य अमेरिका में सरकारी शटडाउन एक ऐसा समय होता है जब संघीय सरकार को वित्त देने के लिए आवश्यक फंडिंग कानून अगले वित्तीय वर्ष के शुरू होने से पहले अधिनियमित नहीं किया जाता है। इसका परिणाम होता है कि सरकार अपनी कई गतिविधियों और सेवाओं में कटौती करती है, गैर-आवश्यक संचालन बंद कर देती है, और मानव जीवन या संपत्ति की रक्षा करने वाले विभागों में केवल आवश्यक कर्मचारियों को ही रखती है। शटडाउन आपके राज्य, क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर की सरकार को भी प्रभावित कर सकता है।
शटडाउन के पीछे का कारण क्या है?
अमेरिकी सरकार के फंडिंग को जारी रखने के लिए विशेष योजनाएं और योजनाएं अधिनियमित रूप से पास की जानी चाहिए, और इसके लिए संसद की मंजूरी की आवश्यकता होती है। यह मंजूरी संसद के दो पक्षों, जैसे कि डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों के बीच आपसी सहमति के रूप में होती है। यदि यह आपसी सहमति नहीं होती है, तो सरकारी फंडिंग का संकट उत्पन्न हो सकता है, जिसका परिणाम शटडाउन होता है।
विपक्ष क्यों अड़ा है?
विपक्ष का कहना है कि ऐसी जनकल्याणकारी योजनाएं, जो कहीं न कहीं गैर जरूरी हैं, उन्हें रोकना चाहिए और खर्च में कटौती करनी चाहिए। रिपब्लिकन सांसद चाहते हैं कि सरकारी खर्च में कटौती के साथ आप्रवासन और सीमा सुरक्षा प्रतिबंध लगाए जाएं। इससे दोनों पार्टियों के बीच संवाद की आवश्यकता है ताकि सरकार के वित्त पोषित करने के लिए एकमति हो सके।
अवसर्क्षेत्र में क्या है?
सीनेट ने सरकार को वित्त पोषित करने के लिए एक विधेयक को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जिसका परिणाम हो सकता है कि शटडाउन को रोका जा सके। प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी ने रिपब्लिकन समर्थित विधेयक के खारिज होने के बाद कहा कि उनके पास और भी उपाय हैं, लेकिन उन्होंने नए उपायों की जानकारी साझा नहीं की।
आखिरकार, इस समय संघीय सरकार के फंडिंग के मुद्दे पर परिणामानुसार आप्रवासन करने के बीच आपसी सहमति न होने की संभावना है, जिससे अमेरिका को 1 अक्टूबर 2023 से शटडाउन का सामना करना पड़ सकता है।
यह विषय बहुत ही महत्वपूर्ण है, और यह समझना जरूरी है कि इसके प्राबल्य प्रभावों के बारे में जानकारी हो। आपको आपके स्थानीय समाचार स्रोतों और सरकारी अपडेट्स को सावधानी से ट्रैक करना चाहिए ताकि आपको इस मामले में जानकारी हासिल हो सके।