संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजराइल-हमास संघर्ष पर विराम का प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भारत ने दूरी बनाई है। मसौदा प्रस्ताव में इजराइल-हमास संघर्ष को लेकर मुख्य बातें शामिल थीं, लेकिन उसमें हमास का उल्लेख नहीं था। इसके कारण भारत ने मतदान से इनकार किया है। जॉर्डन द्वारा प्रस्तुत मसौदा का उद्देश्य गाजा में “तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष विराम” का आह्वान करना था, लेकिन इसमें हमास का उल्लेख नहीं था। इससे भारत को लगा कि मसौदा प्रस्ताव आतंकी संगठन हमास की क्रियाओं के प्रति स्पष्ट रूप से स्थान नहीं देता है, जिससे भारत ने इसमें मतदान करने से इनकार किया है। भारत ने मसौदा पर वोटिंग से दूरी बनाई है और इस मुद्दे पर चिंता जताई है।

भारतीय प्रतिनिधि ने कहा है कि गाजा में हो रहे संघर्ष के दौरान हो रही मौतें गंभीर और निरंतर चिंता का कारण हैं, और वह नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के तनाव कम करने और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के प्रयासों में भी योगदान किया है।

इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में उच्चतम स्तर की तनाव है, और इससे निरंतर सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रही है। हमास और इजराइली सेना के बीच आमने-सामने की लड़ाई जारी है, और इजराइली एयर स्ट्राइक के दौरान हमास के एक महत्वपूर्ण नेता की मौत हो गई है। इस समय, गाजा में बिजली और इंटरनेट सेवाएं बंद हो गई हैं और इजराइली सेना जमीनी हमले कर रही है। इजराइली वायुसेना ने उत्तरी गाजा पट्टी में कई ठिकानों पर हमला किया है।

इस संघर्ष के बीच भारत ने हमास के आतंकी कृत्यों की जमकर निंदा की है और गाजा में हो रही मौतों का भी चिंता जताई है। भारत ने उन्हें तत्काल और बिना शर्त रिहाई की अपील की है और इस घातक स्थिति में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकजुटी की गुणवत्ता और सामर्थ्य की आवश्यकता की है।