भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का 25 नवंबर को बिहार में दौरा होने वाला है और इसके चलते बिहार में राजनीतिक गतिविधियों में रौंगत मचने की उम्मीद है। उनका दौरा आमतौर पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश भरने के लिए किया जा रहा है, और उन्हें बिहार में हुए चुनावी परिणामों का जायजा लेने का भी मौका मिलेगा। भाजपा ने पिछले 11 महीनों में राज्य के सभी नौ प्रमंडलों में जनसभा की है और अब संसदीय क्षेत्रों के आधार पर रैली कराने की तैयारी कर रही है। इसमें एक अहम एजेंडा ‘ईबीसी कार्ड’ हो सकता है।

इस दौरे का मुख्य उद्देश्य बिहार में हुए हाल के आरक्षण नियम और जातीय गणना के आकड़े पर बातचीत करना है। बिहार में हुए चुनावों में महागठबंधन के सामाजिक समीकरण से बेचैन होने के बाद, भाजपा को नए रणनीतिक प्लान की आवश्यकता है। नड्डा का दौरा इस समीकरण को लेकर नए प्रस्तुतियों और रणनीतिक कदमों को तैयार करने का हिस्सा हो सकता है।

इसके अलावा, भाजपा ने चुनावी प्रक्रिया में बदलाव करने का भी मंच बनाया है, जैसे कि महिला आरक्षण के लिए दांव चढ़ाना और अति पिछड़े को मुख्यमंत्री बनाने की चुनौती देना। यह सब चीजें उन्हें बिहार में बढ़त लेने के लिए प्रयास करने का मौका देंगी और उन्हें महागठबंधन के आकड़ों का सामना करने की तैयारी में मदद करेगी।