नलिन सोरेन की धमकी पर भड़की सीता सोरेन के बयान से स्पष्ट होता है कि झारखंड में चुनावी माहौल गरम हो चुका है। दो प्रमुख पार्टियों के नेताओं के बीच जुबानी टकराव भी देखने को मिल रहे हैं। नलिन सोरेन और सीता सोरेन के बीच की इस झड़प की वजह से चुनावी प्रक्रिया में उचितता और शांति की धारा पर सवाल उठते हैं।
जेएमएम प्रत्याशी नलिन सोरेन ने सीता सोरेन को चेतावनी दी है कि उन्हें अपने भाई हेमंत सोरेन और पार्टी के खिलाफ बोलना बंद करना चाहिए, अन्यथा उनके साथ भी वैसा ही सलूक किया जाएगा, जैसा कि भाजपा की प्रत्याशी गीता कोड़ा के साथ हुआ। इस सम्बंध में, गीता कोड़ा के साथ हुए घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए, नलिन सोरेन ने सीता सोरेन को डराया है कि उन्हें भी ऐसा ही सलूक किया जा सकता है।
गीता कोड़ा के साथ हुए घटनाक्रम के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं, तो बताया जा रहा है कि उन्हें एक गांव में भाजपा समर्थकों ने घेरकर धक्का-मुक्की की थी और उनके साथ मारपीट भी की गई थी। इस बगावत के दौरान, गीता कोड़ा को डेढ़ घंटे तक बंधक बनाया गया था। यह घटना जेएमएम के साथ हुई हिंसा का एक और उदाहरण है, जो सीता सोरेन के बयान के अंतर्गत उनके साथ हो सकता है।
सीता सोरेन ने इस बयान का मुख्या विरोध किया है। उन्होंने नलिन सोरेन को बताया कि उनकी धमकी के बावजूद, उनके पास इतनी ताकत नहीं है कि उन्हें रोका जा सके। वह कहती हैं कि नलिन सोरेन की धमकी से वह डरेगी नहीं, बल्कि सच बोलने और लोगों से संवाद करने में रोका जा सकता है।
इस घटना के पीछे नलिन सोरेन की राजनीतिक रणनीति को लेकर भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन ने उन्हें धमकाया है। उन्होंने कहा कि नलिन सोरेन को अपनी राजनीतिक चालाकी को छोड़कर लोगों की सेवा करनी चाहिए।
इस घटना के सम्बंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि नलिन सोरेन के बयान से जेएमएम के समर्थकों में हिंसात्मक माहौल फैला सकता है। उन्होंने चुनाव आयोग और पुलिस को इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की है।
इस बारे में आपका क्या विचार है? यह घटनाक्रम क्या दिखाता है और इससे झारखंड की राजनीति कैसे प्रभावित होगी?