दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति घोटाले मामले में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें ईडी की कस्टडी में 28 मार्च तक भेज दिया गया है। इस मामले में उन्हें गहन पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। उन्हें कस्टडी में रहते हुए कुछ छूट भी मिलेगी, जिसमें उन्हें अपने घरवालों से मिलने की अनुमति है। उन्हें खाने की भी विशेष आवश्यकता है, जिसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।
राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश के अनुसार, अरविंद केजरीवाल की पूछताछ उसी जगह पर होगी जहां CCTV कवरेज होगी और CCTV फुटेज को संरक्षित रखा जाएगा। उन्हें इस प्रकार की व्यवस्था के साथ पूछताछ की जाएगी ताकि उसमें कोई भी अनियंत्रित या अनुचित गतिविधि न हो। उन्हें अपने दो वकीलों से मिलने की भी अनुमति है, जिसके दौरान वे अपने मामले की रक्षा कर सकेंगे।
अरविंद केजरीवाल ने अपने खाने की भी मांग की है, खासकर उन्हें अपने विशेष डाइट और दवाइयां चाहिए हैं जिसे उन्हें बिलकुल ध्यान में रखा जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सही खाना और दवाइयां प्रदान की जाएं।
ईडी के अनुसार, अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब नीति घोटाले के मुख्य अभियुक्त हैं और उन्हें किंगपिन के रूप में भी जाना जाता है। उनका आरोप है कि उन्होंने साउथ लॉबी के जरिए इस घोटाले में भाग लिया और फायदा पहुंचाया।
इस घोटाले की टाइमलाइन बताती है कि दिल्ली शराब बिक्री नीति 2021 में पेश की गई थी, लेकिन इसकी जांच शुरू होने से पहले ही इस नीति को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम ने गड़बड़ी का शक जताया और इस मामले में CBI जांच की सिफारिश की गई।
इस मामले में अरविंद केजरीवाल को ईडी की कस्टडी में भेज दिया गया है और उनसे दिल्ली शराब घोटाले के मामले में पूछताछ की जाएगी। इसके साथ ही, उन्हें अपनी भूमिका के बारे में गहन जांच के लिए भी कस्टडी में रखा गया है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि अरविंद केजरीवाल से पूछताछ CCTV कवरेज वाली जगह पर होगी और इसे संरक्षित रखा जाएगा। इसके अलावा, उन्हें विशेष डाइट और दवाइयां भी प्रदान की जाएंगी।
शराब घोटाले मामले में अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले के किंगपिन बताया जा रहा है। उनका आरोप है कि उन्होंने साउथ लॉबी के जरिए फायदा पहुंचाया गया था। इसके साथ ही, उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में राहत नहीं मिली और उन्हें 28 मार्च तक की कस्टडी में भेज दिया गया है।
इस मामले में कई राजनीतिक घटनाएं भी सामने आई हैं। दिल्ली की शराब नीति के जांच शुरू होने से पहले ही वह रद्द कर दी गई थी और इसमें अरविंद केजरीवाल का नाम आया। इसके बाद, उन्हें ED और CBI की जांचों में भी शामिल किया गया। इससे उन्हें कई सवालों का सामना करना पड़ा है।
इस मामले में सिर्फ अरविंद केजरीवाल ही नहीं, बल्कि उनके साथ काम करने वाले कई और लोग भी शामिल हैं। इससे दिल्ली की राजनीति में भी खलबली मची है। यह विवाद समाज में भी अधिकतर चर्चा का विषय बना है।