आज हम बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले के एक विद्यालय की बात करेंगे जहां एक नवनियुक्त शिक्षिका ने जमीन पर बैठकर शिक्षा देने का अनूठा तरीका अपनाया है। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा का केंद्र बना दिया है
योगेश साहू नामक एक व्यक्ति ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिसमें बताया जा रहा है कि बिहार के बेतिया जिले के बैरिया प्रखंड की सूरजपुर पंचायत में स्थित झोपड़ीनुमा विद्यालय के नवनियुक्त शिक्षिका जमीन पर बैठकर शिक्षा दे रही हैं।
वीडियो में दिखाया जा रहा है कि यह विद्यालय शहरी क्षेत्र से बाहर है और इसमें सिर्फ दो झोपड़ियां हैं जिन्हें स्थानीय लोगों ने बनाया है। विद्यालय में कुल चार शिक्षक हैं, जिसमें एक महिला शिक्षिका भी हैं, लेकिन विद्यालय के 55 बच्चों में उपस्थिति शून्य है।
विद्यालय के प्रमुख के अनुसार, नवनियुक्त शिक्षिका ने 16 नवंबर को योगदान देने के लिए विद्यालय का दौरा किया था और उन्होंने योगदान दिया जिसका वीडियो किसी ने बनाकर वायरल कर दिया है। इस वजह से विद्यालय बनाने के लिए कोई अन्य पैसा नहीं आया है और विद्यालय को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं मिल पा रही है।
विद्यालय की स्थिति के बारे में जनकारी मिलते ही विभाग ने बताया कि विद्यालय नदी के किनारे स्थित है जिससे नदी कटाव की समस्या उत्पन्न हो सकती है और इससे खतरा हो सकता है, इसलिए ऐसे स्थान पर विद्यालय बनाना उचित नहीं है।
इस पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर बड़ी चर्चा का केंद्र बना दिया है और लोगों के बीच विवाद की बातें उत्पन्न हो रही हैं कि क्या यह विधि शिक्षा व्यवस्था की दिशा में सही है या नहीं।