बिहार में इन दिनों सियासी हलचल तेज है।सूत्रों के हवाले से खबर ये है कि दिल्ली में होने वाली जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पूर्व ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
पटना: बिहार में एक बार फिर से सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बार खबर जदयू को लेकर है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक से पहले इस्तीफा दे देंगे !
बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में JDU के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 29 दिसंबर को होने जा रही है और उससे पहले ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस्तीफे की खबर सामने आ रही है। खबर ये भी आ रही है कि ललन सिंह ने खुद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पार्टी के राष्ट्रीय पद से मुक्त किए जाने का आग्रह किया था लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने उनसे लोक सभा चुनाव होने तक पद पर बने रहने की बात को कहा था।
ललन सिंह ने तो अपनी बात रखी थी लेकिन अब ये कहा जा रहा है कि ललन सिंह अपना पद छोड़ने की जिद पर अड़े हुए हैँ तो ऐसी स्थिति में नीतीश कुमार को ही कुछ निर्णय लेना होगा। ऐसी स्थिति में 29 तारीख को ललन सिंह के इस्तीफा देने बाद सीएम खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैँ या फिर अपने किसी विश्वस्त को यह पद दे सकते हैँ।
कांग्रेस विधायक ने कहा-ये कोई नई बात नहीं
जदयू के राष्ट्रीय अधयक्ष पद से ललन सिंह को हटाया जाना या उनका पद से इस्तीफा देने को लेकर हो रही चर्चा के बीच कांग्रेस विधायक आनंद शंकर ने कहा कि किसी पार्टी के अध्यक्ष से हटाना एक पार्टी की अपनी चुनावी प्रक्रिया है। सभी पार्टियों में ऐसा होता है और जेडीयू में भी यही हुआ है तो ऐसे में चर्चा करने या सियासी उलटफेर जेसी कोई बात नहीं है।
I.N.D.I.A. गठबंधन के PM पद को लेकर कही ये बात
वहीं विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. एलायंस में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, इसे लेकर कांग्रेस पार्टी के विधायक ने कहा कि ये सब गठबंधन के बड़े नेता लोग तय करेगे हम तो सिर्फ कांग्रेस की मीटिंग में आए हैं। सभी पार्टी के नेता चाहते है कि उनकी पार्टी का पीएम बने। हम भी चाहते हैं कि राहुल गांधी पीएम बनें, गोपाल मोहन ने खरगे के बयान पर कहा कि आप गोपाल मोहन का इतिहास नही जानते। हम ऐसे सवाल का जवाब नहीं देंगे।