‘चट ब्याह-पट टिकट’ वाली कहानी बिहार की राजनीति में एक नई ट्विस्ट लाई है। बिहार के प्रमुख राजनीतिक दल राजद ने मुंगेर सीट से पत्नी को प्रत्याशी बनाया है, जो कि उनके पति, अशोक महतो, के लिए शहर में होने वाले चुनाव में महत्वपूर्ण हो सकता है। यह समाचार राजनीतिक गलियारों में खलबली पैदा कर रहा है।
अशोक महतो का नाम बिहार की प्रमुख बाहुबलियों में गिना जाता है। उन्होंने बिहार के नवादा जेल में 17 साल की सजा काटी है, जिसमें तीन पुलिसकर्मियों की हत्या शामिल थी। उन्हें 2006 में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। लेकिन 2023 में उन्हें जेल से रिहा किया गया था। इसके बाद, उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बनाया था, लेकिन उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं मिला था।
इस चरण में, अशोक महतो ने अपनी पत्नी अनीता देवी को राजद के प्रत्याशी बनाया है। यह कदम राजनीतिक समाज में चर्चा का विषय बन गया है।
अनीता देवी की शादी अभी हाल ही में हुई थी, और उनके हाथों मेहंदी भी अभी सूखी नहीं थी। अशोक महतो ने उनके साथ शादी की थी और फिर उन्होंने राजद के रहने वाले नेता लालू प्रसाद यादव से मिलने के लिए पटना जाया। इसके बाद, अनीता देवी को मुंगेर सीट से प्रत्याशी बनाया गया है।
राजद के सिंबल के रूप में, अनीता देवी को मुंगेर में चुनाव लड़ने के लिए लालू प्रसाद यादव ने चुना है। यह एक बड़ा कदम है और इससे चुनावी मैदान में रोमांच बढ़ा है।
अभी तक जेडीयू ने अपने प्रत्याशियों के नाम नहीं घोषित किए हैं, लेकिन यह तय है कि मुंगेर से चुनाव लड़ने का मुकाबला ललन सिंह के खिलाफ होगा।
अशोक महतो और अनीता देवी की शादी की घटना भी काफी मनोरंजक है। इस शादी को तीन दिन पहले ही किया गया था, और उन्होंने इसे बिहार के एक मंदिर में आयोजित किया। इसमें उनके परिवार के सदस्यों के साथ-साथ कई समर्थक भी शामिल थे।
राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए, अनीता देवी के उम्मीदवार बनने का फैसला राजद पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। वह अशोक महतो की पत्नी होने के नाते, लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनकर पार्टी को मजबूती प्रदान कर सकती हैं। इसके साथ ही, यह घटना भी दिखाती है कि राजनीतिक दलों किस हद तक जा सकते हैं ताकि उन्हें चुनावी लड़ाई में अधिक समर्थक मिल सकें।
इस घटना के बारे में सार्वजनिक मनोरंजन के अलावा, यह भी दिखाता है कि राजनीतिक दलों की चालाकी कितनी होती है और वे अपने उम्मीदवारों को किस प्रकार से चुनते हैं।