किसानों ने सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने का फैसला किया है, लेकिन अभी तक आंदोलन को खत्म करने का कोई ऐलान नहीं किया गया है। वे 21 फरवरी से पहले सरकार को अपना जवाब देंगे। इस दौरान, किसान संगठनों ने अभी भी आंदोलन जारी रखने का निर्णय नहीं लिया है।
इस बीच, रविवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बैठक हुई। केंद्र सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के मुद्दे पर प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, केंद्र सरकार धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्का और कपास की फसल पर भी MSP देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए किसानों को NCCF, NAFED और CCI से पांच साल का करार करना होगा।
किसानों ने इस प्रस्ताव पर विचार करने का फैसला किया है और 21 फरवरी से पहले सरकार को अपना जवाब देने का ऐलान किया है। वहीं, किसान संगठनों ने अभी तक आंदोलन को खत्म करने का कोई घोषणा नहीं किया है। फिलहाल, शंभू और खनौली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
किसान नेताओं ने बैठक के बाद कहा है कि वे सभी संगठनों से बात करके सोमवार को इस मुद्दे पर अंतिम फैसला बताएंगे। बैठक में लगभग पांच घंटे तक चर्चा हुई, और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वार्ता सद्भावनापूर्ण माहौल में हुई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने NCCF और NAFED को फसलों के MSP पर दालें खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया है, और इसके अलावा CCI द्वारा कपास की फसल के लिए भी ऐसा ही प्रस्ताव है।
गोयल ने कहा, “हमने सहकारी समितियों NCCF और NAFED को एमएसपी पर दालें खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता किया है। हमने प्रस्ताव दिया है कि CCI एमएसपी पर कपास की फसल खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करेगा।” उन्होंने बताया कि किसान नेता सोमवार तक सरकार के प्रस्तावों पर अपने निर्णय की सूचना देंगे।
इसके अलावा, किसानों की मुख्य मांगों में से कुछ निम्नलिखित हैं:
1. सभी फसलों की खरीद के लिए MSP की कानूनी गारंटी
2. डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों की कीमत तय की जानी चाहिए
3. किसानों को उनकी लागत से 50% ज्यादा MSP मिलना चाहिए
4. किसानों और मजदूरों के कर्ज को माफ किया जाना चाहिए
5. किसानों को प्रदूषण कानूनों से मुक्ति मिलनी चाहिए
6. 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन दी जानी चाहिए
7. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को लागू किया जाना चाहिए
8. लखीमपुर खीरी हत्या के आरोपियों को सजा दी जानी चाहिए
9. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाना चाहिए
10. मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये मजदूरी दी जानी चाहिए
11. किसान आंदोलन में मृत्यु हुए किसानों के परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए
12. कीटनाशक दवाइयां,नकली बीज एवं खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाना चाहिए
13. फसल बीमा सरकार खुद करे
14. मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाना चाहिए
15. संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद किया जाना चाहिए
16. किसानों के आंदोलन का मुख्य उद्देश्य यह है कि वे अपनी मांगों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार से संविधानिक रूप से गारंटी प्राप्त करें।