अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण और उसकी प्राण प्रतिष्ठा पर विदेशी मीडिया की पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग को लेकर ब्रिटेन की संसद में जमकर बहस हो रही है। ब्रिटेन के एक सांसद ने कहा कि विदेशी मीडिया ने ये बाताया कि एक मस्जिद तोड़कर राम मंदिर बनाया गया है, लेकिन ये नहीं बताया दो हजार साल पहले ये मंदिर था।
अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के वक्त विदेशी मीडिया की पक्षपात पूर्ण रिपोर्टिंग पर ब्रिटेन की संसद में बवाल मच गया है। ब्रिटेन के एक सांसद ने अयोध्या मंदिर पर विदेशी मीडिया की ओर से हिंदुओं के खिलाफ गलत तथ्य पेश करने पर उसकी आलोचना की। सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि ऐसे मौकों पर विदेशी मीडिया को सही तथ्य पेश करना था। बता दें कि राम मंदिर उद्घाटन के समय एक विदेशी मीडिया ने कहा था कि मस्जिद को तोड़कर राम मंदिर बनाया गया है। सांसद ब्लैकमैन ने कहा कि इस मीडिया संस्थान ने मस्जिद तोड़ने की बात तो बता दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि दो हजार वर्ष पहले वह राम मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाया गया था। दुनिया के सामने गलत तथ्य पेश करने पर ब्रिटेन की पार्लियामेंट ने इस मीडिया हाउस की जमकर आलोचना की।
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकबर्न ने अयोध्या राम मंदिर पर विदेशी मीडिया की ‘पक्षपातपूर्ण’ कवरेज की आलोचना करते कहा कि वह मस्जिदनुमा ढांचा 2 हजार साल पहले हिंदुओं का मंदिर था। मंदिर को तोड़कर जबरन मस्जिद बनाई गई थी, लेकिन एक विदेशी मीडिया ने उस तथ्य को छिपा लिया। ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह पर ‘पक्षपातपूर्ण’ रिपोर्टिंग के लिए विदेशी मीडिया की कवरेज को असत्य करार दिया। बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह की विदेशी मीडिया की कवरेज ब्रिटिश संसद में उस समय सवालों के घेरे में आ गई, जब एक सदस्य ने इसे “पक्षपातपूर्ण” करार दिया और कहा कि विदेशी मीडिया को “दुनिया भर में ये क्या चल रहा है इसका एक सभ्य रिकॉर्ड” प्रदान करना चाहिए।
ब्लैकमैन ने क्या कहा
ब्रिटेन की संसद में बोलते हुए बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि विदेशी मीडिया ने बताया यह एक मस्जिद के विनाश का स्थल था, जबकि ऐसी रिपोर्टिंग करते वह इस तथ्य को भूल गया कि यह 2,000 से अधिक वर्षों से यहां एक मंदिर था। ब्लैकमैन ने कहा, “पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का अभिषेक किया गया। भगवान राम का जन्मस्थान होने के नाते यह दुनिया भर के हिंदुओं के लिए बहुत खुशी की बात थी।” मगर बहुत दुख की बात है कि एक विदेशी मीडिया ने अपने कवरेज में निश्चित रूप से बताया कि यह एक मस्जिद के विनाश का जगह था, इस तथ्य को भूलकर कि ऐसा होने से पहले 2 हजार से अधिक सालो से यह एक मंदिर था और मुस्लिमों को शहर से सटे क्षेत्र में ही एक मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ की स्थल आवंटित की गई है।”
रिपोर्टिंग पर जताई चिंता
सांसद ने अन्य संसद सदस्यों से “विदेशी मीडिया की निष्पक्षता और दुनिया भर में वास्तविक में क्या चल रहा है, इसका एक सभ्य रिकॉर्ड प्रदान करने में उसकी विफलता पर सरकारी समय में बहस के लिए समय देने के लिए कहा है ।” बाद में, एक्स पर एक पोस्ट में, सांसद ने कहा कि घटकों ने विदेशी मीडिया की राम मंदिर की पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि, हिंदुओं के अधिकारों के एक प्रबल समर्थक के रूप में, “इस लेख ने बहुत बड़ा वैमनस्य पैदा किया है।” उन्होंने कहा, “विदेशी मीडिया को दुनिया भर में क्या चल रहा है, इसका एक अच्छा रिकॉर्ड प्रदान करने में सक्षम होना चाहिए।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित अभिषेक समारोह के तुरंत बाद, भक्तों ने अयोध्या में भगवान राम की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ का जश्न मनाने के लिए देश भर में पटाखे फोड़े।