भारत के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में रहने वाले हरदीप सिंह निज्जर को खालिस्तानी आतंकी के रूप में आरोपित किया था। निज्जर, जिनका भारतीय मूल होता है, कनाडा पहुंचने के बाद प्लंबर के तौर पर काम शुरू किया था, लेकिन धीरे-धीरे वह खालिस्तानी संगठनों के संपर्क में आये और आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गए थे।
निज्जर के बारे में खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है कि वह डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम की हत्या की फिराक में थे और उन्होंने 2014 में राम रहीम पर हमले की योजना बनाई थी। भारतीय जांच एजेंसी एनआईए द्वारा जारी की गई 40 आतंकियों की लिस्ट में भी निज्जर का नाम था।
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि निज्जर को उस दौरान भारत का वीजा नहीं मिला था, इसलिए वह साल 2012 में पाकिस्तान भी गया था, जहां उसने हथियारों और IED की ट्रेनिंग ली थी। NIA ने निज्जर के खिलाफ कई केस दर्ज किए थे, क्योंकि उसने पंजाब में 200 से ज्यादा हत्याओं में शामिल होने का आरोप है, और उसे पंजाब में टारगेट किलिंग कराने का भी आरोप है।
निज्जर के खिलाफ 23 जनवरी 2015 को लुकआउट नोटिस और 14 मार्च 2016 को रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था, और 2021 में उनका नाम बठिंडा के भगता भाई लाल के कार्यालय में हुई डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मनोहर लाल की हत्या में भी सामने आया। भारत ने निज्जर पर 10 लाख रूपये का इनाम रखा था।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसी खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारतीय एजेंट्स पर लगाया था, और कनाडा ने इसके बाद एक भारतीय राजनयिक को बर्खास्त कर दिया था। इसका भारत ने डिप्लोमेटिक तरीके से जवाब दिया और भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडाई पीएम ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें बेबुनियाद बताया था।
हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का प्रमुख था, और इसी संगठन ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की थी। निज्जर की हत्या के बाद से खालिस्तानी आतंकी संगठन और उनके मुखिया और कारिंदे उसे शहीद बता रहे हैं, और कनाडा के हिंदुओं को धमका रहे हैं। सिख फॉर जस्टिस के लोग अपने साथियों की हत्या से हिल गए हैं, लेकिन उनकी जुबान से भारत और भारतीयों के खिलाफ जहर उगलना बंद नहीं हुआ है।