पटना, भारत की राजधानी, अपने प्रदूषण की समस्याओं के लिए मशहूर है, और हाल के तत्वों के अनुसार यहां की हवा एक बार फिर खतरनाक हो गई है। बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (BSPCB) के बुलेटिन के अनुसार, पटना का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 316 दर्ज किया गया है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इसके साथ ही, बीएसपीसीबी ने अन्य बिहार के शहरों की भी AQI को ‘खराब’ दर्ज किया है। सीवान का AQI 282, मुजफ्फरपुर का 233, हाजीपुर का 232 और बेतिया का 221 है।
प्रदूषण की इस गंभीरता के बारे में बात करते हुए, BSPCB के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि कुछ मुख्य कारणों में से एक है कि पटना और अन्य बिहार के शहरों में हवा की गुणवत्ता में कमी के कारण निर्माण कार्यों की गति कम होती जा रही है और प्रदूषण नियंत्रण के उपायों का न किया जाना है। उन्होंने भी बताया कि हाल ही में पटना और उसके आसपास के क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं ने भी इस समस्या को बढ़ावा दिया है।
इस चुनौतीपूर्ण स्थिति के सामने महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है। नगर निकायों को सक्रियता दिखाने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कठोर उपायों को अपनाने की आवश्यकता है। देवेंद्र कुमार शुक्ला ने सुझाव दिया कि पानी का छिड़काव शुरू किया जाना चाहिए, जो कि बारिश के नियमित रूप से बदलने से प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। इसके अलावा, बीएसपीसीबी ने बिहार के कुछ शहरों में प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए अपने अभियान को तेज करने का भी ऐलान किया है।
यह सावधानी बजाओं की ज़रूरत को दर्शाती है और हमें अपने पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता है। प्रदूषण को कम करने के लिए हमें साफ़ और निर्मल हवा के लिए कठोर उपायों को समझने और उन्हें अपनाने की आवश्यकता है। यह समय है कि हम सभी मिलकर अपने आस-पास के पर्यावरण की रक्षा करें और स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य के लिए कठोर प्रयास करें।