गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक समीक्षा याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड से उन टिप्पणियों को हटा दिया जाए, जो उन्हें समय पर रिहा करने का आदेश देते हुए गुजरात सरकार पर लगी थीं। सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस के 11 दोषियों की समय से पहले हुई रिहाई को रद्द कर दिया था, जिसके साथ ही गुजरात सरकार को भी फटकार लगाई थी। अब गुजरात सरकार चाहती है कि कोर्ट के रिकॉर्ड से उन टिप्पणियों को हटा दिया जाए, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस के दोषियों की रिहाई को रद्द करते हुए की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले के एक दोषी के साथ गुजरात सरकार के मिलीभगत बात भी कही थी, और इसे भी उन्होंने आलोचना की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को फैसला लेने का निर्देश दिया था। इस पर गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने टिप्पणियों को हटाने की मांग की है। गुजरात सरकार के मुताबिक, ये टिप्पणियां अनुचित हैं और पूर्वाग्रह को पैदा करती हैं। इससे पहले भी गुजरात सरकार ने कोर्ट के निर्देशों का पालन किया था, और उन्होंने मई 2022 के निर्देशों का भी पालन किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस के 11 दोषियों को समय से पहले हुई रिहाई को रद्द कर दिया था, और कहा था कि गुजरात सरकार कैसे दोषियों को माफ कर सकती है। इसके अलावा, कोर्ट ने ये भी कहा था कि बिलकिस बानो मामले की सुनवाई महाराष्ट्र में हो रही थी, और रिहाई का फैसला भी वहीं पर होना चाहिए।
गुजरात सरकार के मुताबिक, ये टिप्पणियां अनुचित हैं और पूर्वाग्रह को पैदा करती हैं, और इसलिए उन्हें हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने भी कहा कि गुजरात सरकार ने कोर्ट के मई 2022 के निर्देशों का पालन किया था, और उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के अधिकारों का हनन नहीं किया था।