पाकिस्तान में हाल ही में हुए चुनावों के बाद एक सप्ताह बीत गया है, लेकिन अभी तक नई सरकार गठित नहीं हो पाई है। इसके बावजूद, पश्चिमी देशों में चुनावी प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवालों पर पाकिस्तान ने अब जवाब देना शुरू किया है। पाकिस्तान ने चुनावी प्रक्रिया और परिणामों पर उठे गए सवालों के बारे में एक साफ़ी जारी की है।
पाकिस्तान में हुए चुनावों में प्रमुख पार्टी पीटीआई को बैन करके उसके नेता इमरान खान को जेल में डाल दिया गया था। इस घटना से पूरी दुनिया में उनके चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और अन्य कई पश्चिमी देशों ने इसके चुनावी प्रक्रिया पर संदेह जताया है। पाकिस्तान को इन आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान ने गुरुवार को बयान जारी करके कहा कि चुनावी प्रक्रिया एक आंतरिक मामला है और इस पर किसी को सलाह देने की आवश्यकता नहीं है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने दावा किया कि पाकिस्तान एक लोकतंत्रिक देश है और चुनाव में लाखों मतदाताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने संविधान के दायित्वों को गंभीरता से लेता है और यहां की आवाम आजादी और लोकतंत्र के अधिकार का आनंद लेने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता दिखाने के लिए विदेशी पर्यवेक्षकों को बुलाया था।
हालांकि, कई देशों ने चुनाव के दौरान हुई कई अनियमितताओं की निंदा की है और चुनावी प्रक्रिया को संदेहास्पद बताया है। इसके कारण, पाकिस्तान में अभी तक सरकार गठन नहीं हो पाई है। इस समय, सेना की भूमिका और पार्टी द्वारा पार्टी सरकार के गठन की संभावना है। यहाँ तक कि अंतर्राष्ट्रीय कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICJ) ने भी पाकिस्तान में स्थिरता आने की संभावना को नकारा है।
इस प्रकार, पाकिस्तान में हुए चुनावों के बाद की स्थिति अभी भी अस्थिर है और देश को इस समस्या का समाधान ढूंढने में काफी समय लग सकता है।