नेपाल में हाल ही में राजशाही को बहाल करने और राजा ज्ञानेन्द्र को पुनः सिंहासन पर बिठाने के लिए आंदोलन की लहर उठी है। यह आंदोलन वहां की जनता के मन में राजशाही के प्रति उम्मीदों और आस्था का प्रतीक है। 16 साल पहले, नेपाल में गणतंत्र स्थापित करने के लिए जनता ने राजशाही के खिलाफ उत्तेजना प्रदर्शन किया था, लेकिन अब वह उलटा हो रहा है। इस आंदोलन की पीछे कई कारण हैं, जो नेपाली समाज के आंतरिक और बाहरी परिस्थितियों से जुड़े हैं।
पिछले कुछ दशकों में, नेपाल की राजनीतिक स्थिति में अस्थिरता और भ्रष्टाचार ने जनता की आस्था को कमजोर किया है। गठबंधन सरकारों के आगमन के बाद भी, जनता की उम्मीदें और आस्था को पूरा करने में सरकारें विफल रही हैं। इसके परिणामस्वरूप, लोगों के बीच राजशाही के प्रति चाहत और आस्था का उत्तेजन हो रहा है।
राजा ज्ञानेन्द्र के पुनः सिंहासन पर बिठाने की मांग में विभिन्न कारणों का संयोजन है। पहले, धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं, जिसमें लोगों की चाहत है कि नेपाल एक हिंदू राष्ट्र के रूप में पहचाना जाए। दूसरे, इतिहासिक कारण हैं, जिसमें लोग राजा ज्ञानेन्द्र को उनके पिछले शासनकाल के दौरान देश के विकास में उनकी भूमिका के लिए समर्थन देते हैं। तीसरे, नेपाल की राजनीतिक स्थिति में अस्थिरता और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता का आक्रोश है।
नेपाल में राजशाही की मांग को लेकर आंदोलन के दौरान, लोगों ने उनके राजा को वापस बुलाने और हिंदू धर्म को राज्य धर्म के रूप में स्थापित करने की मांग की है। इससे साफ है कि धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बचाने की चाहत लोगों के दिल में है।
हालांकि, राजशाही के प्रति जनता की आस्था और चाहत के बावजूद, नेपाल की राजनीतिक दलों और नेताओं को इस मांग को पूरा करने के लिए रुचि नहीं दिखाई जा रही है। उन्हें लगता है कि नेपाल में राजशाही को फिर से स्थापित करने का कोई सामर्थ्य नहीं है और यह देश के लिए अच्छा नहीं होगा। वे इसे एक पुरानी सोच के रूप में देखते हैं और इसके बजाय गणतंत्र के माध्यम से विकास को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने की सलाह देते हैं।
विषय में समझाते हुए, यह स्पष्ट होता है कि नेपाली समाज में राजशाही के प्रति भावनाएं विवादित हैं। वहां की जनता में इस विषय पर विचार और आलोचना होनी चाहिए, ताकि एक सामर्थ्यपूर्ण और समायोजित तरीके से देश का विकास हो सके। विभिन्न समाज के तत्वों के बीच समझौता की आवश्यकता है ताकि देश का भविष्य सभी के लिए सकारात्मक हो सके।