लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों भूपेश बघेल और अशोक गहलोत को नई जिम्मेदारियां सौंपी हैं और इसके साथ ही एक राष्ट्रीय गठबंधन समिति का गठन किया है। इसमें मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद, और मोहन प्रकाश शामिल हैं जो लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से जुड़े अहम निर्णय लेंगे।
यह कदम उन राज्यों में हार के बाद हुआ है, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही, इस समय कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के जरिए वापसी की कोशिशों में जुटने का प्रयास किया है।
राष्ट्रीय गठबंधन की चौथी बैठक में, ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन में संयोजक पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का प्रस्ताव दिया है, जबकि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने पीएम फेस के लिए भी उन्हें समर्थन दिया है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने समिति के गठन को स्वीकार किया है और उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में 8 से 10 जनसभाएं गठबंधन के साथियों के साथ पूरे देशभर में की जाएंगी ताकि हम जनता के सामने अपनी बात रख सकें। उन्होंने इस प्रयास को चुनाव जीतने की मुख्य दिशा में बताया है।

इसके बाद कांग्रेस ने यूपी और बिहार में सीट बंटवारे के लिए सहमति जताई है, लेकिन बिहार में राजद और जेडीयू सीटों को लेकर कांग्रेस के साथ आमतौर पर गले नहीं मिल रही है। इससे यह चुनौती पैदा हो रही है कि इन सीटों को लेकर कैसे रणनीति बनती है और गठबंधन के लिए कौनसा फॉर्मूला तय किया जाता है।
लोकसभा चुनाव का समय तेजी से आ रहा है और इन घड़ी में गठबंधन पार्टियों के लिए सही रणनीति बनाना महत्वपूर्ण है। इस चुनौतीभरे समय में, कांग्रेस ने अपनी जिम्मेदारियों को सौंपकर सहयोगी गठबंधन की दिशा में कदम बढ़ाया है और जनता के साथ मिलकर चुनाव जीतने की रणनीति बनाने का प्रयास किया है।