ये कहावत तो आपलोगों ने जरूर सुनी होगी धोवि का कुत्ता न घर का न घाट का। इन दिनों पाकिस्तान की हालात कुछ इसी तरह है । पाकिस्तान की सरकार अपनी जनता को दो वक्त की रोटी भी नहीं दे पा रहा है यहॉँ के लोग दाने दाने के मोहताज हो रहे है। इस बिच एक और बड़ी खबर पाकिस्तान से आ रही है। दरअशल पाकिस्तान के बंदरगाह पर डेढ़ अरब डॉलर का दाल अटका हुआ है इनके पास अब इतने रूपये भी नहीं है की वे इस दाल को अपने देश में ला सके। अब आप इस बात से इसका अंदाजा लगा ही सकतें है की पाकिस्तान की हालत कितनी खराब है।
रमजान के महीनों मे भी दाल की आपूर्ती मे हो सकती है कमी पाकिस्तान का बुरा हाल !
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार काफी कम हो गया है जिसके कारन पहले से ही यहॉँ आटा, चीनी ,और घी जैसे जरूरी चीजों की काफी कमी थी पर अब इनको दाल के लिए भी लाले पड़ने बाले है पाकिस्तान के पास डॉलर की कमी हो गया है जिस कारन दाल के छह कंटेनर बंदरगाह पर अटके हुए है इन सब को देखते हुए लग रहा है की आने बाले रमजान के महीनो में भी पाकिस्तानियो को दाल नसीब नहीं होगी। कराची होलसेल ग्रोसरी एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल रउफ इब्राहिम ने कराची चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (KCCI) के उपाध्यक्ष हरिस आगर के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा की अगर दालों के इन कन्टेनरो को जल्द ही देश में नहीं लगा गया तो रमजान के महीनो में दालों की आपूर्ति में भारी कमी आ जाएगी।
रउफ इब्राहिम ने सरकार से की अटके दालों को देश में आने देने की अपील !
रउफ इब्राहिम ने कहा की बंदरगाह पर दालों को ज्यादा दिन तक रोककर रखने से दालें खराब हो सकती है जिसके चलते हमें और अधिक विलम्ब शुल्क देना पड़ेगा। रउफ इब्राहिम ने कहा की अभी हमें इन दालों के लिए करीब डेढ़ अरब डॉलर देने होंगे। डॉलर की कमी के चलते पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ,स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान ने दाल को आयत होने वाली प्राथमिकता श्रेणी से हटा दिया है। पाकिस्तान मसूर ,काले चने के साथ 80% दालों का आयात करता है। रउफ इब्राहिम ने कॉन्फ्रेंस के दौरान सरकार को कहा की बंदरगाह पर अटके दालों को पहले देश में आने दें फिर देशहित के लिए उन्हें जो कदम उठाना हो वो उठाये। जो प्रतिबंध दालों पर लगाना हो लगाए। पाकिस्तान में इस वक्त खाने के जरुरी समानो के दाम आश्मान छू रहे है।